कैंसर का डर अभी भी पूरी दुनिया में कुछ ज्यादा ही है. यही वजह है कि कैंसर पर लगातार शोध हो रहे हैं. ताजा खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों ने ब्रेन कैंसर को करीब पांच साल पहले पता लगा लेने का दावा किया है. एक स्टडी के मुताबिक एक खास ब्लड टेस्ट अब ब्रेन कैंसर को उसके लक्षण उभर कर सामने आने से तकरीबन पांच साल पहले बता देगा.
अमेरिका में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता जूडिथ श्वार्त्जबौम के मुताबिक ब्रेन कैंसर के मरीजों में कैंसर का पता लगने से करीब पांच साल पहले इम्यून सेल्स को जानकारी आगे बढ़ाने वाले प्रोटीन कणों के बीच सहभागिता (इंटरेक्शन) कम होने लगता है. श्वार्त्जबौम के मुताबिक वही जानकारी एक दिन ब्रेन कैंसर के अग्रिम इलाज में मददगार साबित होगी. यह स्टडी ग्लिओमा पर केंद्रित एक जर्नल (पत्रिका) ‘PLOS ONE’ में छपी है. बताया जाता है कि सबसे सामान्य प्रकार के ग्लिओमा के लिए औसतन जीवित रहने का समय 14 महीने है. इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं. इसमें सर दर्द, मेमोरी लॉस, पर्सनॉलिटी चेंज, धुंधला दिखाई देना और बोलने में कठिनाई शामिल है. औसतन, कैंसर का पता तब चलता है जब लक्षणों की शुरुआत हुए तीन महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका होता है ट्यूमर काफी विकसित हो जाते हैं.
श्वार्त्जबौम ने कहा, “अगर हम अधिक प्रभावी ढंग से इलाज की उम्मीद करते हैं, तो ट्यूमर के विकास के शुरुआती चरण में ही उसकी पहचान करना महत्वपूर्ण है. यदि आप उन शुरुआती कदमों को समझते हैं, तो आप आगे ट्यूमर के विकास को रोकने के लिए उपचार तैयार कर सकते हैं. टेस्ट की जानकारी देते हुए श्वार्त्जबौम ने यह भी कहा कि हालांकि इस दुर्लभ ट्यूमर के लक्षणों के बिना लोगों का व्यापक ब्लड टेस्ट अव्यवहारिक होगा. इस शोध की मदद से हम वह तकनीक विकसित कर सकते हैं जो ब्रेन कैंसर की पहचान पहले कर सके और अधिक प्रभावी उपचार का मार्ग प्रशस्त कर सके.।