चीन को टक्कर देंगे बाबा रामदेव, पतंजलि पावर बनाएगी सौलर उपकरण,

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New Delhi: देशभर में FMCG प्रोडक्ट्स में धूम मचाने के बाद बाबा अब इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर में भी कूदने को तैयार हैं। पतंजलि अब सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों को बनाने की तैयारी कर रही है।

मतलब साफ है कि अब बाबा चीन को भी कड़ी टक्कर देने जा रहे हैं, क्योंकि ऐसे ज्यादातर प्रोडक्ट्स देश में अभी चीन से ही आते हैं। एक इंगलिश न्यूज पेपर को दिए अपने इंटरव्यू में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वदेशी आंदोलन के साथ वे सोलर सेक्टर में भी उतरने जा रहे हैं। सोलर के साथ भारत के हर परिवार को बिजली की आपूर्ति की जा सकती है और वे इसे पूरा करने के लिए ही इस क्षेत्र में कदम रख रहे हैं।

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बताया जा रहा है कि पतंजलि की योजना सोलर उपकरणों के उत्पादन में 100 करोड़ रुपये निवेश करने की है और ग्रेटर नोएडा में लगी इसकी फैक्ट्री कुछ ही महीनों में काम करना शुरू कर देगी। बता दें कि हाल ही में पतंजलि ने उपकरण बनाने वाली कंपनी अडवांस नेविगेशन ऐंड सोलर टेक्नॉलजीज का अधिग्रहण किया। फिलहाल इस कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग कपैसिटी 120 मेगावॉट की है।

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चूंकि सरकार भी 2022 तक 175 GW नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करने की तैयारी कर रही है। सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इस टारगेट को आसानी से हासिल कर लिया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही सोलर उपकरणों, विंड प्रॉजेक्ट्स पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत को अपने बेस 60GW को पांच साल में टारगेट तक पहुंचाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। बता दें कि अभी भारत का सोलर मार्केट चीनी आयात से पटा पड़ा है। हाल ही में खराब गुणवत्ता होने के कारण डिवेलपर्स ने प्रोडक्ट्स को खारिज कर दिया था, तब ये सामान भारतीय बाजार में काफी सस्ते रेट पर बेचे गए।

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भारत के सोलर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक, चीन, ताइवान और मलयेशिया से एक्सपोर्ट किए जाने वाले उपकरण देश में उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही सोलर पैनल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी, चीन की कंपनी Trina Solar ने मेक इन इंडिया प्लान के तहत 1000 मेगावॉट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना पर रोक लगा दी। इसके पीछे की वजह सकारात्मक नीतियों की कमी और कम दाम को बताया गया है।