पांच रोजा उर्से मखदूमी का कुल शरीफ की फातिहा के बाद हुआ समापन, चौथे दिन अनीस सावरी कब्बाल ने बांधा शमा।

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पीलीभीत। कस्वा न्यूरिया मे सुप्रसिद हजरत मखदूम अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर जारी पांच रोजा 107 वे सालाना उर्स का पांचवे दिन शुक्रवार (जुमे) को सुबह 10 बजे कुल शरीफ की फातिहा के बाद समापन हो गया।चौथे दिन गुरुवार (जुमेरात) को दरगाह पर चांदरपोशी का दौर चला।गुजरात, दिल्ली, उत्तराखंड व आस पास के जिलों से आये जायरीनों ने दरगाह पर हाजरी देकर मन्नते मांगी और जिनकी मन्नते पूरी हुई उन्होंने लंगर वांटा।

वाद नमाज इंसा के महफ़िल-ए-कव्वाली का आयोजन किया गया। खचखच भरे पंडाल मे हजारों की संख्या मे बैठे कव्वाली के शौक़ीन जायरीनो को बच्चा कब्बाल के नाम से मशहूर हो चुके रईस अनीस साबरी कब्बाल ने कलाम पेश कर झूमने पर मजबूर कर खूब वहावाही लूटी।

रईस अनीस सावरी कब्बाल ने महफ़िले शमा मे हमदो सना से शुरुआत कर कई वेहतरीन कलाम एवं फरमाइस पर गजले सुनाई। इस मौके पर उन्होंने तुझे क्या बताऊ राजदा तेरे सामने मेरा क्या हाल है तेरी एक निगाह की वात है मेरी जिंदगी का सवाल है तथा मेरे अल्लाह मेरे मौला कव्वाली काफ़ी पसंद की गई देर रात तक कब्बालियो का प्रोग्राम चला सुरक्षा के दृष्टिगत न्यूरिया थाना पुलिस मुस्तैद रही।

कब्बालियो के प्रोग्राम के वाद पांचवे दिन शुक्रवार (जुमे) की सुबह हजरत मखदूम अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के मुतावल्ली डाक्टर अकवर हुसैन की जैरे कयादत मे कुल शरीफ की फातिहा पड़ी गई।

दुआ हाफिज मो यामीन ने पड़ी। दुआ मे देश व कौम की तरक्की के लिए दुआ की गई।इस मौके मखदूम मेला कमेटी के मो जफर, कमाल अहमद, मो असलम, जाहिद हुसैन, हाजी इरफ़ान खां, मो तहसीन के आलावा मोइन हुसैन, शरफुद्दीन नूरी, अजीम अहमद, मो आमिश उर्फ़ रिक्की, दानिश, शाहिद, मो तसलीम, एजाज अहमद, मो हनीफ, मोवीन खां, अफजाल, मो अनीस, रहीस अहमद, मो आशिफ़ आदि मौजूद रहे।