साल 2018 के बाद ही मिलेंगे प्राइवेट कंपनियों में नौकरियों के अवसर, भर्ती प्रक्रियाओं में सुस्ती जारी

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नई दिल्ली  मूडीज की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार के बावजूद निजी क्षेत्र में नियुक्ति प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष के अंत तक सुस्त रहने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि कॉरपोरेट इंडिया फिलहाल बैलेंट सीट में कांट-छाट और लागत को तर्कसंगत बनाने में व्यस्त है। यह बात इंडस्ट्री चैंबर (उद्योग परिसंघ) एसोचैम ने कही है।

एसोचैम के सदस्यों की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक, एसोचैम की रविवार को सामने आई यह रिपोर्ट उस अर्थव्यवस्था में नौकरियों के संदर्भ में है, जिसे हाल ही में नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण झटका लगा था। एसोचैम की ओर से जारी की गई रिलीज में कहा गया, “फिलहाल कारपोरेट भारत लागत को तर्कसंगत बनाने में अपनी ऊर्जा लगा रहा है, जिसमें मजदूरी लागत भी शामिल है। इसके अलावा वह अपनी बैलैंस सीट भी दुरुस्त करने में लगा हुआ है। अगर नौकरियों की दृष्टि से निजी क्षेत्र की बात की जाए तो चालू वित्त वर्ष 2018-19 तक इसके सुस्त रहने की उम्मीद है।”

इसमें आगे कहा गया, “फिलहाल मुख्य ध्यान इस पर है कि कैसे नॉन कोर बिजनेस से निपटा जाए, उसे समेकित किया जाए, बाहर निकला जाए और एक साफ सुथरी बैलेंस सीट को हासिल किया जा सके। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए कारपोरेट अगली तिमाही या छमाही तक अपने मार्जिन में सुधार करने और अपने कर्ज की लागत को कम करने में व्यस्त होंगे।”

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को सुधारकर Baa3 से Baa2 कर दिया था। इसमें कहा गया था कि रेटिंग में यह सुधार भारत सरकार की ओर से हाल-फिलहाल में किए गए सुधारों का नतीजा है।