पीलीभीत।जनपद पीलीभीत के कस्बा न्यूरिया व आस पास के गांव देहात के किसानों ने टिड्डी के झुंड से तो धान की फसल को बर्वाद होने से बचा लिया परन्तु जंगली एवं आवारा जानवर किसानों के लिए अब बहुत बड़ी समस्या बने हुए हैं। जानवरों के झुण्ड दिन ढलते ही गांव देहात से निकल कर खेतो में खड़ी धान की फसलों को पैरो से रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं, फसल बर्वाद ना हो इसके लिए कई एकड़ खेती की भूमि को तार वाड लगाकर वैरिकेट किया गया है उसके बाद भी जानवर तार तोड़कर खेतो में घुसकर धान की फसल को बर्बाद कर रहे है फसल को बचाने के लिए किसान टोली बनाकर रात रात भर जाग कर खेतों पर पहरा देने को मजबूर हो गए हैं। इसके बावजूद भी जानवर एक खेत से दूसरे खेतों में पहुच जा रहे हैं।
एक झुण्ड में बीस से तीस आवारा जानवर गाय, बछड़े, और सांड रहते है। ये झुण्ड जिस तरफ के खेतों में जाता है, उधर की फसल को बर्वाद कर जाता है। मरौरी ब्लॉक के अन्तर्गत आने बाले कस्बा न्यूरिया के अलाबा राजा कालोनी, गुप्ता कालोनी, महोव कालोनी, सहादत गंज, अलीगंज, बरी, गुलड़िया बिथरा समेत दर्जनों ऐसे गाँव है जहां के किसान गाय, सांड व बछड़ो और जंगली जानरों के झुण्ड की वजह से परेशान है। धान की खेती के शुरु होते ही किसानों ने अपना डेरा खेतों के किनारे डाल लिया है और रात रात भर जाग कर अपने खेतो में लगी धान की फसल को बर्वाद होने से बचाने में जुटे हुए हैं।
1-अजहर चौधरी- किसान
अजहर चौधरी बताते हैं, “आवारा और जंगली जानवरों ने हमारे खेत में एक महीन पहले लगाई गई धान की फसल अपने पैरों से कुचलकर बर्बाद कर रहे हैं। जानवरों के झुण्ड के डर से किसान रात में भी खेतों की रखवाली कर रहे हैं
2-गुरमीत सिंह- किसान
गुरमीत सिंह ने बताया कि जानवरों के आतंक से परेशान होकर किसान सभी आवारा जानवर गाय और सांडो को गाँव से बाहर वन क्षेत्र की तरफ छोड़ आए थे। लेकिन दूसरे दिन फिर सभी जानवर वापस खेतों को चरते दिखे। यदि ऐसे ही रहा तो धान की फसल तैयार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा
3-शहदाव-किसान
शहदाव ने बताया आवारा जानवर गाय, बछड़े और सांड के झुण्ड की वजह से किसानों को काफी समस्या हो रही है फसल को बचाने के लिए खेतो पर पहरा देना पड़ रहा है।