राजा भैया 24 बर्षो से निभा रहे है यह अपना वादा, बुधबार को एक साथ कई परिबाऱो के होंगे सपने पूरे।

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प्रतापगढ. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने वर्ष 1993 में संकल्प लिया था कि वो अपने जीवन के हर साल गरीब घर की बेटियों के विवाह की व्यवस्था अपने पैसे से करेंगे तब से लेकर कुंडा के विधायक राजा भैया का यह संकल्प आज तक चला आ रहा है।

राजा भैया ने पहले वर्ष 1993 में 25 जोड़ों का विवाह कराकर इस अच्छे काम की शुरूआत की थी, जो 2017 में 101 तक पहुंच गई है।इस साल होने बाला सामूहिक बिबाह 31 मई दिन बुधबार को कुंडा के बजरंग डिग्री कालेज में आयोजित किया जायेगा जिसकी सभी तैयारिया पूरी कर ली गई है लड़के लड़कियों का भी चयन हो चूका है बस शहनाई बजना बाकी हैं।
▶सामूहिक बिबाह में पात्र जोड़ो का इस तरह होता है चयन।IMG 20170530 031441
इस सामूहिक विवाह के लिए पहले गरीब परिवार वालों को आवेदन करना होता है। कुंडा क्षेत्र में जो भी गरीब परिवार अपनी बेटी की विवाह करने में असमर्थ होता है उसके माता-पिता एक लिखित प्रार्थना पत्र राजा भैया की स्पेशल टीम राजा भैया यूथ ब्रिगेड के मुखिया के पास देते हैं।मुखिया अपने कार्यकर्ताओ से पता करवाता है कि क्या प्रार्थना पत्र देने वाला परिवार सामूहिक विवाह का पात्र है या नही। यदि पात्र है तो उसका नाम सामूहिक विवाह रजिस्टर में नोट कर लिया जाता है।IMG 20170530 030815यदि सामूहिक विवाह के लिए 101 से अधिक प्रार्थना पत्र आ जाता है तो ऐसी स्थिति में सभी का नाम लिखकर लाॅटरी निकाली जाती है और इसमें से 101 कन्याओं नाम निकालकर उनकी शादी करवायी जाती है। 101 गरीब लड़कियों के नाम तय होने के बाद इनके शादी की एक तिथि तय की जाती है, जिस दिन सभी का सामूहिक विवाह होता है।इसके बाद भी यदि किसी कन्या का विवाह अति आवश्यक होता है तो उसको पूरी मदद राजा भैया परिवार की तरफ से की जाती है। लाॅटरी के बाद आवेदक अपनी बेटी का विवाह खोज कर बारातियो की संख्या नोट करवाता है। इसी प्रकार घरातियों की भी संख्या नोट करवाता है, जिससे कि उनके रुकने और खाने की व्यवस्था राजा भैया की ओर की जाती है। इसके साथ ही राजा भैया की ओर से शादी के बाद लड़कियों को जेवर, गैस चुल्हा, बेड, आलमारी, श्रृंगार दान, सोफा सेट आदि सामान देकर विदा किया जाता है।
▶एक ही पंडाल में होता है हिन्दू व मुस्लिम कन्याओं का विवाहIMG 20170530 031327
राजा भैया की ओर से हर साल कराई जाने वाले इस सामूहिक विवाह में एक ही पंडाल के नीचे हिन्दू व मुस्लिम कन्याओं की शादी होती है। एक ही पंडाल के नीचे हिन्दू कन्या का विवाह पंडित जी करवाते है तो उसी पंडाल में मुस्लिम कन्या का विवाह मौलवी साहब करवाते है। इस समारोह में हर साल लगभग 25 हजार लोगों के रुकने और खाने की व्यवस्था राजा भैया परिवार करता है।