प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के एक राज्य की सरकार को जल्द बर्खास्त कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस सरकार में मोदी की अपनी पार्टी बीजेपी बराबर की साझेदार है. सूत्र बताते हैं कि हिंसा से लगातार सुलग रहे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति सरकार लगना लगभग तय हो गया है. राज्य में सत्ताधारी बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के दोनों दलों के बीच बढ़ती दरार इस बात और हवा दे रही है.
👉मोदी को शाह की रिपोर्ट का इंतजार
29 और 30 अप्रैल को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरे पर होंगे. माना यह जा रहा है की अमित शाह के दौरे के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार का नसीब तय जाएगा. बीजेपी खेमे में ज्यादातर लोग मानते हैं कि महबूबा सरकार अलगाववादी हिंसा से सख्ती के साथ निपटने में नाकाम रही है. राज्य में बीजेपी के कई नेता मानते हैं कि महबूबा सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम नहीं कर रही है. ऐसे में अमित शाह खुद जम्मू-कश्मीर जाकर वहां के जमीनी हालात का जायजा लेंगे और अपनी रिपोर्ट आगे बढ़ाएंगे, जिस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री द्वारा लिया जाएगा.
👉पत्थरबाजी पर लगाम नहीं
पिछले साल हिज्बुल के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. कश्मीरी युवक बराबर सड़कों पर उतरकर सैन्य बलों पर पत्थरबाजी कर रहे हैं. और राज्य की महबूबा मुफ्ती सरकार हिंसा को काबू करने में नाकाम रही है. सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक पिछले 9 महीनों में 250 से ज्यादा नौजवानों से हथियार उठाए हैं.
👉दोनों दलों में खींचतान
इस राज्य में बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए अपना एजेंडा भी किनारे रख दिया था. उसने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे को भूलते हुए राज्य में पीडीपी संग सरकार बनाई, लेकिन सत्ताधारी गठबंधन के दोनों दलों के दिल आजतक ना मिल सके हैं. इस आपसी कलह का एक और उदाहरण गुरुवार को तब दिखा जब पीडीपी विधायकों और मंत्रियों ने विधानपरिषद् के नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. इसके बाद शुक्रवार को दोनों पार्टियों में
👉बैठकों का दौर चलता रहा.
बीजेपी के जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव ने पीडीपी के सीनियर नेता हसीब द्राबू से मुलाकात की. खबरों के मुताबिक द्राबू ने बीजेपी नेता चंद्र प्रकाश गंगा के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने पत्थरबाजों को गोली से जवाब देने की बात कही थी. उन्होंने एमएलसी चुनाव में पीडीपी उम्मीदवार अब्दुल कयूम की हार का मुद्दा भी उठाया. कयूम बीजेपी के असर वाली जम्मू सीट से प्रत्याशी थे. लेकिन फिर भी महज एक वोट से हार गए थे.
👉कुछ भी ठीक नहीं
जाहिर है, दोनों दलों के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में मोदी सरकार से जुड़े हमारे सूत्र बताते हैं कि महबूबा सरकार की उल्टी गिनती चालू हो चुकी है. इंतजार है तो बस राष्ट्रपति शासन के ऐलान के सही वक्त का