इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सख्त रवैये के बाद प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए आखिरकार पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की सलेहनगर में अवैध तरीके से बन रही इमारत पर बुलडोजर चला दिया गिराई गई इमारत के निर्माण में जानकारों के मुताबिक 2 करोड़ से अधिक की लागत आ चुकी थी।पूर्व मंत्री की अवैध इमारत के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने सोमवार को न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया था। गैंगरेप मामले में प्रजापति इन दिनों लखनऊ जिला जेल में निरूद्ध है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृति कराये बगैर प्रजापति ने इस इमारत का निर्माण कार्य शुरू करा दिया था। जबकि यह इमारत सरकार जमीन पर बन रही थी। इससे पहले प्राधिकरण ने इमारत को सीज करने की कार्रवाई की थी। इस मामले में गायत्री के पुत्र ने उच्च न्यायालय का रूख कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बचने के लिये स्टे का आवेदन किया था, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया था और प्राधिकरण को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इससे पहले लंबे समय से इमारत का निर्माण कार्य चल रहा था, मगर प्राधिकरण के अफसर सपा सरकार में मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे थे। सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को पुख्ता जानकारी थी कि इमारत अवैध है और इस बारे मे उन्हे प्रजापति के खिलाफ कई शिकायते भी मिली थी। प्राधिकरण ने इस सिलसिले में मंत्री को नोटिस भेजकर अपने कत्र्तव्य की इतश्री कर ली थी मगर सपा के सत्ता से हटते ही अधिकारियों का रूख बदल गया।