यह थे कुछ भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी जो गरीब परिवार से निकले थे
5.पठान भाई
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यह दोनों भाई थे इरफ़ान पठान को गेंदबाजी ओर यूसुफ पठान को बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता था यह दोनों भाई बचपन मे मस्जिद में रहा करते थे जब कुछ समय बाद उन्हें एक कमरे का घर मिला था तो बहुत खुश हुए थे उनके पिता 250₹ महीने की नोकरी करते थे तथा मस्जिद में झाड़ू लगाया करते थे यह दोनों भाई जमीन पर सोया करते थे और क्रिकेट खलने के लिए जूते नही थे तो यह फटे पुराने जूतों को खरीद कर उन्हें सिलकर क्रिकेट खेलते थे
4.रविन्द्र जडेजा
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इनके पिता सेक्युरिटी गार्ड की नोकरी करते थे इनके पिता को घर चलाने में बहुत मुश्किल हुआ करती थी लेकिन इनकी माता इन्हे हमेशा सहारा देती थी जब 2005 में उनकी माता का देहांत हुआ था तब रविन्द्र बहुत टूट गए थे फिर उनकी बहिन उनका सहारा बनी और पार्ट टाइम जॉब करके उन्हें आगे बढ़ाया था और एक दिन जब रविन्द्र जडेजा का अंडर-19 टीम में चयन होकर वर्ल्डकप जीता था और वो उस टीम के उपकप्तान रहे थे और हर खिलाड़ी को 15 लाख रूपये मिले थे उसके बाद से रविन्द्र जडेजा के गरीबी के दिन खत्म हो गए थे
3.विनोद काम्बली
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काम्बली ने अपना बचपन मुबंई के चाल में बिताया था जहाँ वो एक कमरे मे 18 लोग रहते थे उनके पिता एक मेकेनिक थे जो 500₹महीने की कमाई किया करते थे उनके इतने बुरे दिन थे कि उन्होंने क्रिकेट बैट खरीदने के लिए चोरी की थी काम्बली की जिंदगी जब बदल गयी थी जब सचिन ओर काम्बली ने एक 600 रन की साझेदारी की थी उसके बाद से उन्हें 200₹ महीने के मिलने लग गए थे उन्होंने अपने जीवन मे बहुत संघर्ष किया था
2.मुनाफ पटेल
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यह गुजरात के छोटे से गाँव से आये थे उनके पिता मजदूरी का कार्य किया करते थे और मुनाफ भी एक टाइल फेक्ट्री में काम करते थे मुनाफ अपने गाँव के सबसे तेज गेंदबाज थे लेकिन पैसे नही होने के कारण वो टेनिस की गेंद से खलते थे उनके पास जुते नही होने के कारण वो चप्पल से क्रिकेट खेलते थे उनकी गेंदबाजी देखकर गाँव एक आदमी ने उन्हें जूते भी दिलाये थे ओर पास के एक क्लब में दाखिला भी दिलवाया था और एक दिन उनका MRF अकेडमी में चयन हो गया था और डेनिस लोली के निर्देशन में ट्रेनिंग प्राप्त कर 2005 में उन्होंने टीम के लिये खेलना शुरू कर दिया था ओर 2011 में वर्ल्ड कप में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने थे
1.जहीर खान
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जहीर खान अपनी चाची के साथ एक अस्पताल मे एक छोटे कमरे में रहा करते थे वो बिना तकिये ओर एक चादर से दिन गुजार रहे थे उनके पास खाने के कोई व्यवस्था नही थी वह सुबह बिना खाये अभ्यास करने जाते थे पैसो की कमी के कारण खान ने एक ऑफिस में 5000₹ की नोकरी करने लगे थे और उसके बाद वो काम और अभ्यास दोनों साथ करते थे और एक दिन उन्होंने टीम इंडिया में 15 साल तक गेंदबाजी का संतुलन बनाये रखा था