दुनिया वाले हो जाएं सावधान! बैंकों एवं सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटरों पर हुआ है साइबर अटैक

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पेरिस: दुनिया भर में हुए सॉफ्टवेयर को प्रभावित करने वाले एक नये साइबर हमले में कंपनियां एवं सरकारों को निशाना बनाया गया है जिससे खास तौर पर यूरोप पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यूक्रेन के अधिकारियों ने देश के पॉवर ग्रिड और साथ ही बैंकों एवं सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटरों में गंभीर घुसपैठ की जानकारी दी है. वहां के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने एक काले कंप्यूटर स्क्रीन की तस्वीर डालते हुए लिखा, ‘पूरा नेटवर्क बंद हो चुका है.’ रूस की रोसनेफ्ट तेल कंपनी ने भी हैकिंग का शिकार होने की खबर देते हुए कहा कि वह भारी नुकसान से बाल बाल बचा. वहीं डेनमार्क की जहाजरानी कंपनी एपी मोलर-मएर्स्क ने भी ऐसी ही जानकारी दी.
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इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि हमला यूरोप से बाहर तक फैल चुका है. अमेरिकी दवा कंपनी मर्क ने कहा कि उसके कंप्यूटर सिस्टम भी हमले का शिकार हुए हैं.

यूक्रेन की एक मीडिया कंपनी के अनुसार साइबर हमलावरों ने सिस्टम की फाइलों को फिर से अनलॉक करने के लिए 300 डॉलर बिटक्वाइन की मांग की है. अमेरिका में एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 1710 डॉलर है.

साइबर विशेषज्ञों ने चेताया है कि यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है और इसके लिए किसी व्यक्ति की भी जरूरत नहीं होती है. उनकी मानें तो इस बार भी साइबर हमलावरों ने उसी कमी का फायदा उठाया, जिसका ‘वानाक्राई’ हमले में उठाया गया था.

‘उप्स, आपकी अहम फाइलें इनक्रिप्ट (लॉक) हो गई हैं. अगर आपको यह संदेश दिखाई दे रहा है, तो आप अपनी फाइलों को नहीं खोल सकते हो क्योंकि उन्हें इनक्रिप्ट (लॉक) कर दिया गया है. हो सकता है आप इसे खोलने का रास्ता ढूंढ रहे हो, लेकिन अपना समय बर्बाद न करें. हमारी सेवाओं के बिना इसे कोई नहीं खोल सकता है. इसके लिए आपको नीचे दिए पते पर 300 डॉलर बिटक्वाइन भेजने होंगे.’

इनपुट: भाषा