अगर नरेंद्र मोदी 2019 में प्रधानमंत्री नहीं बने तो कौन बन सकता है, जानिए

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ये बहस इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चल रही है कि क्या नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के पद पर दूसरी बार भी विराजमान होंगे यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव क्या नरेंद्र मोदी के चेहरे के बल पर भाजपा केंद्र में सत्ता बान पाएगी या नहीं।

कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा। और अगर इसके बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6 फीसदी से भी नीचे चली गई और तमाम उद्योगों और छोटे व्यापारी नोटबंदी के कड़े फैसले के बाद हालातों की वजह से उभरे आर्थिक संकट से ठीक से नहीं उभर पाए तो भाजपा सरकार के लिए 2024 का चुनाव मुश्किल हो सकता है। देश के आर्थिक हालातों पर संशय अभी भी इसलिए बना हुआ है क्योंकि मुकेश अंबानी जो विश्व में सक्सेसफुल बिजनेसमैनों में से एक हैं , उन्होंने गत दिनों देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए बताया ही नहीं बल्कि ये तेजी से 2030 तक 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बता दिया।

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दूसरी तरफ, मूडीज क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने देश के आर्थिक विकास को देखते हुए अपनी रेटिंग को अपग्रेड करके Baa 2  से Baa 3 कर दिया। इससे सकारात्मक संकेत मिले तो वहीं अब दुनिया की जानी मानी रेटिंग एजेंसी ने भारत के आर्थिक विकास दर के प्रोजेक्शऩ में दिखाया कि भारत की आर्थिक विकस दर 6.9 से फिसलकर 6.7 पर आ सकती है तो वहीं 2018 में ये विकास दर 7.4 से 7.3 पर आ सकती है। ये आंकड़े देश की आर्थिक हालातों के लिए एक कन्फ्यूजन क्रियेट कर रहे हैं। अगर फिच की ओर से की गई प्रोजेक्शऩ सही साबित हुई तो देश के भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, 2019 में भी और 2024 में भी।

ऐसे में भाजपा के पास नरेंद्र मोदी के अलावा योगी आदित्यनाथ एक ऐसा चेहरा होंगे जिनको प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करना भाजपा की राजनीति में जान डाल सकती है। क्योंकि देश में सबसे ज्यादा जन संख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की जनता ही अगर भाजपा को जिता दे तो देश का प्रधानमंत्री वो बनेगा जो भाजपा चाहेगी। तो इस लिहाज से योगी आदित्यनाथ की प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हैं।