योगी सरकार का एलान, ‘यूपी में अब इनकी खैर नही

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लखनऊ: खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की अब खर नहीं. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ऐसा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिये हैं कि मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान  कहा, ‘खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध अभियान चलाकर नियमों के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाये.’ उन्होंने कहा, ‘खाद्य पदार्थों में मिलावट मानवता के विरुद्घ जघन्य अपराध है. खाद्य पदार्थों के नमूनों के विश्लेषण के लिये प्रदेश के समस्त जिलों में प्रयोगशालायें स्थापित करायी जायेंगी. प्रथम चरण में प्रत्येक मण्डल में खाद्य पदार्थों के विश्लेषण की प्रयोगशालायें प्राथमिकता से स्थापित करायी जायें. वर्तमान में प्रदेश के मात्र छह जिलों लखनउ, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी एवं मेरठ में प्रयोगशालायें स्थापित हैं.इन प्रयोगशालाओं से प्रतिवर्ष मात्र लगभग 18 हजार खाद्य नमूनों के विश्लेषण किये जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये योगी ने कड़े निर्देश दिये कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर अधिक से अधिक खाद्य नमूनों का विश्लेषण करने हेतु मासिक लक्ष्य निर्धारित किया जाये.IMG 20170423 063926
उन्होंने कहा कि थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंस ऑनलाइन प्रणाली का सु़दृढ़ीकरण पारदर्शिता के साथ आगामी 100 दिन में क्रियान्वित कराया जाये. ऑनलाइन सेम्पिल मैनेजमेंट सिस्टम को विकसित कर प्रयोगशालाओं में लागू कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये.
योगी ने कहा कि लाइसेंस शुल्क को ई-पेमेण्ट के माध्यम से ही जमा कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये. दूध में मिलावट की मौके पर जांच हेतु मोबाइल लैब के माध्यम से जन-जागरूक कर दूध में मिलावट करने वालों के विरुद्घ विशेष अभियान चलाया जाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य पदाथोर्ं में मिलावट की जांच के तरीकों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर आम नागरिकों को जागरूक किया जाये उन्होंने कहा कि खाद्य कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठानों में जांच उपकरण लगाने हेतु प्रेरित किया जाये. सार्वजनिक स्थलों के आसपास के खाद्य कारोबारियों को स्वच्छता के प्रति प्रशिक्षित एवं जागरूक कराने हेतु विशेष अभियान चलाया जाये.
योगी ने निर्देश दिये कि संभावित असुरक्षित नमूनों का फास्ट ट्रैक विश्लेषण तथा प्रयोगशालाओं में 31 मार्च तक के सभी नमूनों का विश्लेषण यथाशीघ्र कराने हेतु विशेष कार्य योजना बनायी जाये.
चिकित्सा के मामले में ढिलाई माफ नहीं होगी
उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई माफ नहीं की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल देर रात चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट एवं प्रभावी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. यह सेवाएं गांव, गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक हर हाल में पहुंचें, इसे सुनिश्चित करना जरूरी है.
उन्होंने कहा, ‘प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पतालों सहित प्रदेश की सम्पूर्ण चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार दिखना चाहिए. चिकित्सकों और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय रहते वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण एवं बचाव हेतु युद्घस्तर पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने डेंगू, जापानी तथा एक्यूट इंसेफलाइटिस, चिकनगुनिया प्रभावित रोगियों की समय से जांच और उपचार करने तथा इस रोग से बचाव के प्रति आम जनता में जागरूकता लाने के भी निर्देश दिए हैं.
दवाइयों व चिकित्सकों की उपलब्धता के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी जवाबदेह
उन्होंने कहा कि साफ-सफाई और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर इन रोगों से बचा जा सकता है. इस सन्दर्भ में उन्होंने इन रोगों से प्रभावित जनपदों में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी और दवाइयों व चिकित्सकों की उपलब्धता के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जवाबदेह बनाए जाने के निर्देश दिए.
योगी ने कहा कि पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग समन्वय बनाकर इन रोगों से निजात पाने के लिए कार्य करें. जन जागरूकता के कार्यक्रमों में विद्यालयों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की समयबद्घ उपलब्धता सुनिश्चित हो अनुश्रवण के लिए अधिकारियों का जनपदीय भ्रमण हो और भविष्य के लिए चिकित्सीय मानव संसाधन का आंकलन करते हुए आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. योगी ने कहा कि स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से रोगियों का चिन्हीकरण तथा उनका प्रभावी उपचार किये जाने की कार्य योजना को मूर्त रूप दिया जाए आम जनता को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केन्द्रों का संचालन हो. लोगों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धित सुविधाओं की सूचना हेल्थ एप के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने कहा कि ओपीडी एवं आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ बनाया जाए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चिकित्सालयों में साफ-सफाई में कमी, चिकित्सीय और विशेषज्ञ सेवा के अभाव, रोगियों को अधिकारों की जानकारी का अभाव, सुदूर क्षेत्रों में चिकित्सीय सेवाओं की अनुपलब्धता, ओपीडी एवं आपातकालीन सेवाओं में अव्यवस्था की बात कही उन्होंने चिकित्सकों की कमी के सवाल पर नियुक्ति के उपाय तलाशे जाने, संविदा पर भर्ती, सेवानिवृत चिकित्सकों के पुनर्योजन, सायंकालीन ओपीडी के संचालन एवं इसके लिए चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि दिये जाने के निर्देश दिये.
योगी ने कहा कि निजी चिकित्सकों से भी विचार-विमर्श और समन्वय कर ओपीडी का संचालन किया जा सकता है. जिन स्थानों पर चिकित्सीय बुनियादी ढांचे की कमी है, वहां पर टेलीमेडिसिन, मोबाइल यूनिट के माध्यम से चिकित्सा व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि औषधियों एवं उपकरणों की खरीद में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया अपनायी जाए।
Source: Zee news