पटना: नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद पूरा गेम जेडीयू और उसकी पुरानी सहयोगी पार्टी बीजेपी के पक्ष में ही रहा. सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि आरजेडी को संभलने का मौका ही नहीं मिला. इस्तीफे के बाद नीतीश और सुशील मोदी बिहार गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया. जैसे ही यह खबर लालू खेमे में पहुंची तो उन्होंने राज्यपाल से समय मांगा और सरकार बनाने का दावा पेश करने की बात कही. लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार और सुशील मोदी को आज सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण का समय देने की खबर मीडिया में आई तो राजद खेमे में और बेचैनी बढ़ गई. यह खबर लालू एंड कंपनी के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं थी. आनन-फानन में तेजस्वी यादव राज्यपाल से मिलने राजभवन कूच कर गए.
राज्यपाल ने भी मौके की नजाकत को भांपते हुए आनन-फानन ने उनसे मुलाकात की लेकिन शपथग्रहण को रोकने से साफ इनकार कर दिया. राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए तेजस्वी ने बताया कि राज्यपाल ने कहा नीतीश को शपथग्रहण का समय दिया जा चुका है. इसलिए उस फैसले को वापस नहीं लिया जा सकता.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने तेजस्वी ने पूरा गुस्सा नीतीश और बीजेपी पर उतारा. उन्होंने नीतीश कुमार पर करारा वार करते हुए कहा कि मैं तो एक बहाना था, उन्हें तो बीजेपी की गोद में जाना था. नीतीश ने कहा कि आरजेडी को बुलाना चाहिए था जो कि नहीं बुलाया. हमारा दायित्व बनता था कि हम दावा पेश करें.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुझसे किस बात का इस्तीफा मांग रहे थे? उन पर हत्या, हत्या का प्रयास जैसे कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. कोर्ट में मामला चल रहा है. जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया, तो किस मुंह से अब मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि बिहार के दलित, महादलित और पिछड़ा वर्ग का अपमान किया है. अगला कदम क्या होगा और क्या नहीं होगा यह तो बाद में तय किया जाएगा. नीतीश कुमार के इस कारनामे का विरोध किया जाएगा. धरना-प्रदर्शन करेंगे.