इस ब्लॉक प्रमुख ने पति से नाता तोड़, मर चुके प्रेमी को दिया पति का दर्जा।

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ब्लॉक प्रमुख विजेता यादव ने अपने कद और कुनबे के रसूख की परवाह किए बिना मोहब्बत की जो दास्तान लिखी थी, उसमें अब नया मोड़ आ गया है। प्रेम सम्बंधों की खुन्नस में मारे गए अंकुर चौहान को विजेता ने खून-खराबे के बाद अपने पति का दर्जा दे दिया है। ब्लाक प्रमुख अंबियापुर की नई पहचान विजेता यादव पत्नी अंकित चौहान उर्फ अंकुर है। जमाने वाले इसकी तस्दीक घर पर लगे बोर्ड को पढ़कर भी कर सकते हैं।
👉राजनीति में एंट्री के बाद पति से अलगाव

सियासत के साथ प्यार को लेकर सुर्खियों में आई विजेता यादव मूलरूप से इटावा की रहने वाली हैं। उनकी शादी बदायूं के सपा नेता सर्वेश यादव से हुई थी, जो बिल्सी क्षेत्र के गांव बैन का रहने वाला है। विजेता से शादी के बाद वह बदायूं की आवास विकास कॉलोनी में आकर रहने लगा था। इटावा से बदायूं तक सत्ता दरबारों में सीधी पैठ तो थी ही। जल्द ही उनके अंदर राजनीति का शौक भी लग गया। विजेता ने सियासी समीकरण साधते हुए खैरी गांव से निर्विरोध बीडीसी चुनाव जीता। विजेता के विजयी कदम यहीं नहीं ठहरने वाले थे। पति सर्वेश यादव समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष थे तो विजेता उभरती हुई महिला नेता। ब्लॉक प्रमुख चुनाव हुए तो विजेता-सर्वेश ने ऐसी गोटें बिछाई कि अंबियापुर ब्लाक में कई-कई दावेदार होने के बाद भी कोई मैदान में उतरने का साहस नहीं कर सका। विजेता ने न सिर्फ ब्लॉक प्रमुखी का इलेक्शन लड़ा, बल्कि निर्विरोध जीत भी दर्ज की। बदायूं की राजनीति में यह विजेता की हनकदार एंट्री थी।
👉प्यार उन्हें इस मोड़ पर ले आया
पढ़ी-लिखी विजेता यादव ने ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद अपने कदम राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ाना शुरू किए। अंकुर और विजेता के परिवार से जुड़े लोग बताते हैं कि राजनीति की राह में आगे बढ़ते-बढ़ते अचानक पति-पत्नी के बीच दूरियां पैदा होने लगीं। आवास विकास कॉलोनी में जहां विजेता का आवास है, वहां से 50 कदम की दूरी पर सपा नेता ठाकुर सुरेशपाल सिंह चौहान का भतीजा अंकित उर्फ अंकुर चौहान परिवार के साथ रहता था। आस-पड़ोस में रहते हुए एक दूसरे के घर आना-जाना था ही। विजेता से अंकुर कुछ साल छोटा था। कब उनकी मुलाकात प्यार में बदल गई, किसी को पता नहीं चला। इसका खुलासा तब हुआ, जब एक साल पहले विजेता ने अंकुर के साथ घर छोड़ दिया। अंकुर के परिवार का कहना है कि सर्वेश ने विजेता के गायब होने की उस समय बदनामी की वजह से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी। पार्टी की प्रदेश में सरकार की थी और जिले में सर्वेश का पुलिस में अच्छा-दबदबा। ऐसे में पुलिस ने बगैर रिपोर्ट दर्ज किए ही विजेता की खोज शुरू की। करीब एक महीने के बाद पुलिस के प्रयासों से विजेता की घर वापसी हुई। कुछ ही दिन बाद पुलिस ने प्रेमी अंकुर और उसके भाई अंशुल को कार-बाइक चोरी के मामले में जेल भेज दिया। उधर विजेता पर घर में कई तरह की बंदिशें लग गईं।
👉विजेता से प्यार में अंकुर ने गंवाई जान
विजेता और प्रेम सम्बंधों के चर्चे पूरे बदायूं की जुबान पर आ चुके थे। अचानक 08 फरवरी 2017 को अंकुर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसे कुछ लोग घर से बुलाकर बिल्सी रोड पर ले गए और ईंट पत्थरों से कुचलकर उसे मौत के घाट उतार दिया। अंकुर की हत्या में उसके परिवार ने विजेता के पति सपा नेता सर्वेश यादव पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। अंकुर हत्याकांड को अभी एक महीना भी नहीं बीता था कि आठ मार्च 2017 को विजेता के देवर और सर्वेश के भाई उमेश यादव का कत्ल हो गया। सर्वेश पक्ष ने उमेश की हत्या में विजेता के प्रेमी रहे अंकुर चौहान के पिता गुड्डू चौहान, भाई अंशुल और मां नीलम चौहान पर मुकदमा दर्ज कराया। इधर, अंकुर हत्याकांड में फरार चल रहे सर्वेश को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। मार्च में प्रदेश के अंदर नई सरकार बनी तो बदायूं पुलिस को फरार सर्वेश की याद आई। दबाव बढ़ा तो सर्वेश ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। तभी से सर्वेश बदायूं जेल में बंद हैं। सर्वेश और विजेता को लेकर विवाद बढ़ता देख सपा पहले ही उनको पार्टी से निष्कासित कर चुकी है।
👉हत्या के बाद अंकुर से जोड़ा विजेता ने नाम
विजेता यादव ने एक ओर जहां जेल में बंद सर्वेश यादव से अपनी जान को खतरा बताया है, वहीं खुद के मकान पर अपने नाम के साथ पति के रूप में अंकित चौहान उर्फ अंकुर का नाम भी जोड़ दिया है। मकान पर पहले लगी नजर आने वाली सर्वेश यादव की नेम प्लेट अब नजर नहीं आ रही। पुलिस सुरक्षा मिलने के बाद भी विजेता अपनी हिफाजत को लेकर कोई रिस्क नहीं ले रही। कुछ खास लोगों के साथ ही वहीं कार से कहीं आ जा रही हैं। आसानी से कोई दुश्मन पहचान न कर ले, इसके लिए वह वैसे ही कपड़े भी पहन रही हैं। विजेता के प्यार के चक्कर में दो हत्याएं पहले ही हो चुकी हैं। आगे ये कहानी किसी और खूनी मुहाने पर न पहुंचे, इस आशंका से पुलिस ने जेल में बंद सर्वेश और बाहर उसके करीबियों पर भी नजरें जमा रखी हैं।
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