भारत की एक नदी जिसमें से निकलता हैं सोना, और भी बहुत कुछ

भारत में एक स्थान ऐसा भी हैं। यहाँ आदिवासी सोने के कण एकत्र करते हैं।और उसे वहां के स्थानीय व्यापारी मिट्टी के दामों में खरीद लेते हैं। दरअसल झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में आदिवासी लोगों का एक स्थान हैं।रत्नगर्भा। इस क्षेत्र में स्वर्ण रेखा नदी बहती हैं। जिसका विशेष महत्व हैं। यहां के आदिवासी इसे नंदा भी कहते हैं। लेकिन इस नदी की रेत से सदियों से सोना निकाला जा रहा हैं। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि नदी कई चट्टानों से होकर गुजरती हैं। इसी दौरान घर्षण की वजह से सोने के कण इसमें घुल जाते हैं।
123नदी का नाम स्वर्ण रेखा हैं। कहीं-कही इसे सुबर्ण रेखा के नाम से भी पुकारते हैं। नदी का उद्गम रांची से करीब 16 किमी दूर है और इसकी कुल लंबाई 474 किमी हैं। दरअसल स्वर्ण रेखा और उसकी एक सहायक नदी ‘करकरी’ की रेत में सोने के कण पाए जाते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि स्वर्ण रेखा में सोने का कण, करकरी नदी से ही बहकर पहुंचता हैं।

करकरी नदी की लंबाई केवल 37 किमी हैं। यह एक छोटी नदी हैं। झारखंड में तमाड़ और सारंडा जैसी जगहों पर नदी के पानी में स्थानीय आदिवासी, रेत को छानकर सोने के कण इकट्ठा करने का काम करते हैं।