पति के अंतिम संस्कार के लिये पत्नी ने रख दिया बेटा गिरवी।

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आगरा में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां सात महीने पहले नागालैण्ड की रहने वाली रीता के पति का देहांत हो गया था उसके पास इतने पैसे भी न थे कि वह उसका अंतिम संस्कार कर सके. पति के अंतिम संस्कार के लिए उसने गांव के महाजन से अपने सात बर्ष के बच्चे सोनू को गिरवी रख दो हजार रुपये लिए और पति का अंतिम संस्कार किया।
बचे पैसों से कुछ दिन घर का खर्च चला लेकिन मां की ममता बेटे की ओर ही लगी रही. बेटे को मुक्त कराने के लिए उसने काम की तलाश की लेकिन उसे काम नहीं मिला. आखिर में वह अपने जेठ पप्पू और अन्य लोगों के साथ काम की तलाश में आगरा आ गई. लेकिन यहां उसके अपनों ने उसका साथ छोड़ दिया वह दर दर भटकने को मजबूर हो गई।
▶नाली का पानी पिलाकर बच्चों का पेट भरा।
उसके पास खाने को पैसे भी न थे. उसने झूठन खाकर और नाली का पानी पिलाकर बच्चों का पेट भरा. इतने में एक दुकानदार की नजर पड़ी. उसने पानी खरीदकर उसे पिलाया. महिला सिर्फ रोए जा रही थी कह रही थी उसे घर पहुंचा दो. सूचना मिलने पर महफूज नेटवर्क के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समन्वयक नरेश पारस पहुंच गए. उन्होंने महिला से पूछा तो उसने अपनी आपबीती बताई.ल।
उसने बताया वह चाय के बागानों में काम करके अपने बच्चों को पेट भर रही थी लेकिन गिरवी रखे बेटे को छुड़ाने के लिए पैसे नहीं जुटा पा रही थी. इसलिए वह अपने बेटे को मुक्त कराने के लिए दो हजार रूपये कमाने अपने 3 साल की नंदनी और अरूण को लेकर आगरा आई थी लेकिन हर जगह उसे दुत्कार मिली. वह मदद के लिए थाने भी गई लेकिन पुलिस ने उसे भगा दिया।
▶दुकानदारों ने की मदद।
नरेश पारस दुकानदारों की मदद से रीता को टूण्डला स्टेशन ले गए. टूण्डला से डीबूगढ टाउऩ गोहाटी ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन की टिकट दिलाई. साथ ही जीआरपी और आपीएफ को इसकी सूचना दे दी. इसके साथ ही नरेश पारस ने कोहिमा पुलिस को भी इस घटना से अवगत करा दिया है।
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