पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार का संकट की स्थिति साफ नहीं हो रही है. नीतीश कुमार के घर जो जेडीयू विधायकों की बैठक हुई लेकिन उसमें सिर्फ़ कल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर ही चर्चा हुई. अटकल थी कि इस बैठक में जेडीयू की तरफ़ से कुछ कड़े फ़ैसले लिए जा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वहीं आज आरजेडी विधायकों की एक बैठक लालू यादव के घर पर हुई. आरजेडी ने कहा है कि वो अपने पुराने फ़ैसले पर कायम हैं. वहां भी चर्चा राष्ट्रपति चुनाव पर ही हुई हांलाकि इस बैठक का मकसद राष्ट्रपति चुनाव बताया गया.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी आज शाम होनी है. बाद में आरजेडी और कांग्रेस विधायकों की एक संयुक्त बैठक होगी. कुल मिलाकर बिहार में बैठकों का दौर जारी है.
नीतीश की ओर से फिलहाल दबाव नहीं
नीतीश ने तेजस्वी यादव को सफाई देने के लिए शनिवार शाम तक का समय दिया था, लेकिन उपमुख्यमंत्री ने न तो सफाई दी और न ही इस्तीफा. इसी को देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे थे रविवार को होने वाली बैठक में नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जेडीयू की ओर से अभी तेजस्वी पर कोई फैसला नहीं हुआ.
लालू अपना रहे हैं वर्षों पुराना फॉर्मूला
लालू यादव 1990 के दौरान जब वह मुख्यमंत्री थे, तो समूचा विपक्ष चारा घोटाले के आरोप में उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा था, लेकिन लालू ने तब तक इस्तीफा नहीं दिया, जब तक कि कोर्ट ने उनके खिलाफ ऑर्डर जारी नहीं कर दिया. लालू ने 1997 में कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किए जाने के बाद इस्तीफा दिया था. मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने पर उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंप दी थी. इस समय लालू अपनी इसी पुरानी रणनीति पर काम करते हुए नजर आ रहे हैं. दो दशक बाद आज उनकी पार्टी लगभग उसी स्थिति से गुजर रही है लेकिन अब सरकार गठबंधन की है. उधर, लालू यादव ने भी अपने विधायकों के साथ बैठक की.
Source : NDTV India.