पीलीभीत:-नशे के प्रकोप से पीलीभीत ही नही पूरा उत्तर प्रदेश बच नही पाया है नशीले कारोबार के कारोबारी हमेशा शासन-प्रशासन पर हावी रहे हैं उनके लिये चाहे बसपा की सरकार हो या सपा भाजपा की सरकारे क्यूं ना हो उनका यह यह कारोबार अपनी रफ्तार से चलता आया है जिसकी बानगी जनपद पीलीभीत में देखने के लिये आसानी से मिल जायेगी जनपद में कुछ एक दुकानों को छोड़कर कोई भी दुकान उ० प्र० शासन व आवकारी नीति के अनुरूप नहीं चल रही है साफ सफाई के नाम पर शराब की दुकानों के सामने फैली गंदगी इस बात की गबाही दे रही है यहां पर नालियों अथवा दुकान के आसपास सफाई पर कोई ध्यान नही दिया जाता है कीटनाशक दबाव का प्रयोग प्रतिदिन किसी भी शराब की दुकान पर नही होता है।इतना ही नही जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों भर से ज्यादा दुकाने एेसी है जो धार्मिक स्थलों तथा शैक्षिक संस्थानों के नजदीक मानक दूरी के विरूद्ध चल रही हैं जयसन्तरी मार्ग पर शराब भट्टी के 50 मीटर दूर एक विद्यालय व कुछ ही दूरी पर प्रतिष्ठित धार्मिक स्थान है छतरी चौराहे के पास स्थित शराब दुकान के कुछ कदम की दूरी पर हनुमान मंदिर है ,स्टेशन चौराहे पर दुकान से कुछ कदम की दूरी पर धार्मिक स्थान के अतिरिक्त एक चिकित्सालय व एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय है ,गजरौला कला में इन्टर कालेज के पास ,पिपरिया अगरू में कालेज के पास इनके अलाबा दर्जनों दुकाने योगी सरकार के नए फरमान को ठेंगा दिखाते हुए चल रही हैं जनपद में कच्ची शराब के धन्धे में चिन्हित भले ही काफी ग्राम संख्या में अंकित कर रखे हो लेकिन उससे भी कई सौ गुना एेसे ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ शराब का धन्धा लघु उद्योग के रूप में चल रहा है।