लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में होली के बाद बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के मुताबिक, इस विस्तार में 6 से 7 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने का प्रयास किया जाएगा।प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मंत्रिमंडल तक बड़े फेरबदल की तैयारीभारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली हो जाएगा, जिसके लिए नए चेहरे की तलाश की जा रही है। साथ ही, कई जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की भी संभावना है।पश्चिमी यूपी की भागीदारी होगी मजबूतराजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भागीदारी को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। चूंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री पूर्वी यूपी से आते हैं, इसलिए सरकार में पश्चिमी यूपी को अधिक प्रतिनिधित्व देने की रणनीति पर काम हो रहा है। ऐसे में जाट और गुर्जर समुदाय के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।भ्रष्टाचार के आरोपों पर होगी कार्रवाईमंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव संभव है। सूत्रों का कहना है कि जिन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं, उनके विभाग बदले जा सकते हैं या उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर हो रहे बदलावयोगी सरकार और भाजपा संगठन में किए जा रहे ये बदलाव आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। पार्टी की रणनीति है कि सभी क्षेत्रों और जातीय समूहों को साधकर संगठन को मजबूत किया जाए, ताकि चुनाव में भाजपा की स्थिति और मजबूत हो।