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चीन ने भारत पर लगाया उसकी सीमा में ड्रोन भेजने का आरोप, क्रैश

कब और कहां हुई घटना, नहीं पता

चीन के वेस्टर्न थिएटर कॉबेट ब्यूरो के डेप्युटी डायरेक्टर झैंग शुईली का हवाला देते जिन्हुआ न्यूज चैनल में कहा गया कि भारत के इस कदम ने चीन की संप्रभुता को भंग किया है, हम इस घटना पर कड़ी निंदा करते हैं और इसपर अपना असंतोष जाहिर करते हुए विरोध करते हैं। हालांकि झैंग ने इस घटना के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी कि यह घटना कब और कहां हुई है।

घटना की चीन ने की निंदा

झैंग ने कहा कि सीमा पर तैनात चीनी सेना ने प्रोफेशनल और जिम्मेदाराना रवैया अख्तियार करते हुए इस ड्रोन की पहचान करने की कोशिश की। गौरतलब है कि चीन की तरफ से एक बार फिर से घटना के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है और सिर्फ आरोप लगाया है। वहीं भारत की ओर से इस आरोप पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, ऐसे में यह देखना अहम होगा कि भारत इस आरोप पर क्या रुख अख्तियार करता है।

डोकलाम में आमने-सामने आए थे दोनों देश

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेना सिक्किम सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक दूसरे के आमने-सामने आ गई थीं, यह विवाद उस समय खड़ा हो गया था जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी ने डोकलाम में इसी वर्ष जून माह में सड़क बनाने का काम शुरू किया था। काफी लंबे समय तक इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनातनी रही, हालांकि बिना किसी बड़े टकराव के इस मुद्दे को बातचीत से सुलझा लिया गया था। इस घटना के बारे में भारत और भूटान का कहना था कि भारत-भूटान-चीन की यथास्थिति को चीन ने बिगाड़ा है, जबकि चीन यह दावा कर रहा था कि यह ट्राइजंक्शन उसका हिस्सा है। भारतीय सेना के चीफ ने सितंबर माह में साफ कहा था कि उनकी सेना किसी भी तरह का दबाव नहीं महसूस कर रही है और वह युद्ध के लिए तैयार है।

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